दादी के नुस्खे आए काम, इन दो बहनों ने 5 लाख रुपये से खड़ा कर दिया 10 करोड़ का ब्रांड

नई दिल्‍ली: बेंगलुरु में दो बहनों रम्या और श्वेता रवि ने अपनी दादी मां की याद में RNR Donne Biryani नाम का एक सफल व्यवसाय खड़ा कर द‍िया है। उनका उद्देश्य था अपनी दादी की खास रेसिपी वाली डोने बिरयानी को पूरे शहर में मशहूर करना। 2020 में शुरू हुए

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नई दिल्‍ली: बेंगलुरु में दो बहनों रम्या और श्वेता रवि ने अपनी दादी मां की याद में RNR Donne Biryani नाम का एक सफल व्यवसाय खड़ा कर द‍िया है। उनका उद्देश्य था अपनी दादी की खास रेसिपी वाली डोने बिरयानी को पूरे शहर में मशहूर करना। 2020 में शुरू हुए इस सफर में उन्होंने अब तक करोड़ों की कमाई कर ली है। आइए, यहां रम्‍या और श्‍वेता रवि की की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

2020 में रखी कारोबार की नींव

2020 में रखी कारोबार की नींव

कौन सी बिरयानी सबसे बेहतरीन होती है, इस पर हमेशा से बहस होती रही है। कुछ लोग हैदराबादी बिरयानी के स्वाद के दीवाने होते हैं तो कुछ कोलकाता बिरयानी को सर्वोत्तम मानते हैं। लेकिन, बेंगलुरु की रम्या रवि और उनकी बहन श्‍वेता के लिए जवाब एकदम साफ है - डोने बिरयानी। यह पत्ते के कटोरे में परोसी जाती है। इसे उनकी दादी मां बनाया करती थीं। लिहाजा, 2020 में RNR Donne Biryani नाम का अपना वेंचर शुरू करने के लिए उन्हें जरा भी संकोच नहीं हुआ। पहले ही महीने में 10,000 से ज्‍यादा ऑर्डर मिलने से इस उद्यम की नींव मजबूत हो गई। इसके बाद से उन्‍होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

5 लाख की पूंजी से शुरुआत

5 लाख की पूंजी से शुरुआत

रम्या और उनकी बहन श्वेता दोनों कारोबार को संभालती हैं। उन्‍होंने 5 लाख रुपये की पूंजी से 200 वर्ग फुट के क्लाउड किचन से इसकी शुरुआत की थी। यह ब्रांड आज बेंगलुरु में 14 क्लाउड किचन और एक स्टैंड-अलोन रेस्टोरेंट तक फैल गया है। डोने बिरयानी को बाकी बिरयानी से अलग बनाने वाला उसका हरा रंग है। इसकी तैयारी में इस्तेमाल होने वाला चावल भी अलग होता है। इसमें छोटे दाने वाले चावल का इस्तेमाल होता है। इसे जीरागा सांबा चावल कहा जाता है। डोने बिरयानी बेंगलुरु में मिलती है। लेकिन, बहनों को हमेशा से ताज्‍जुब होता था कि यह बाकी बिरयानी की तरह लोकप्रिय क्यों नहीं है। इसलिए, उन्‍होंने डोने बिरयानी को हर घर तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया।

लॉकडाउन में आइडिया पर किया मंथन

लॉकडाउन में आइडिया पर किया मंथन

वैसे तो रेसिपी रम्‍या और श्‍वेता की दादी की देन है, लेकिन RNR बिरयानी का नाम उनके दादा और पिता रामास्वामी और रविचंदर के नाम पर रखा गया है। दोनों बहनें हमेशा से खाने से जुड़ा कुछ करना चाहती थीं। लेकिन, लॉकडाउन के दौरान मिलने वाले समय ने उन्हें अपनी योजनाओं को मूर्त रूप देने में मदद की। लॉकडाउन ने उन्‍हें अपने आइडिया पर मंथन करने के लिए काफी समय दिया। उन्‍हें समझ आ गया था कि हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के लिए चीजें कितनी अनिश्चित हैं। लेकिन, अपने आइडिया में उन्‍हें दम नजर आया। डोने बिरयानी का क्षेत्र असंगठित था। यहीं पर उन्‍हें एक व्यावसायिक अवसर दिखाई दिया।

10 करोड़ का रेवेन्‍यू

10 करोड़ का रेवेन्‍यू

RNR Donne Biryani की बिरयानी के साथ ड्रमस्टिक चिली स्टार्टर और चिकन घी रोस्ट भी ग्राहकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। वेज बिरयानी के लिए आपको 190 रुपये और नॉनवेज विकल्प के लिए 250 रुपये से ज्‍यादा खर्च करने होंगे। वेंचर की नींव पड़ने के बाद इसने 10 करोड़ रुपये का रेवेन्‍यू हासिल किया है। दोनों बहनें विकास के रास्‍ते पर आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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